सफल  ग्रेडिंग योजना
सफल ग्रेडिंग योजना

सफल ग्रेडिंग योजना

                “सफल ग्रेडिंग योजना”

शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत “नवोदय क्रांति परिवार” अब लेकर आया है सरकारी स्कूलों के बच्चों को उनकी मातृभाषा में दक्ष करने के लिए एक बहुत महत्वाकांशी योजना “सफल ग्रेडिंग योजना” । इस योजना का प्रारूप नवोदय क्रांति फॉउंडर श्री संदीप ढिल्लों जी ने तैयार किया जिसमें नवोदय क्रांति परिवार के सभी मोटिवेटर , राज्य संयोजक और हिंदी के विद्वानों ने अपना समर्थन, सहयोग और मार्गदर्शन दिया है ।
“सफल ग्रेडिंग योजना” के राष्ट्रीय संयोजक नवोदय क्रांति मोटिवेटर व राज्य संयोजक हरियाणा श्री सुरेश राणा जी हैं । राणा जी हिन्दी के अच्छे जानकर, कुशल वक्ता व एक बेहतरीन मोटिवेटर हैं जो वर्तमान में बतौर हिन्दी प्रवक्ता राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बात्ता जिला कैथल हरियाणा में कार्यरत हैं। उम्मीद है इनके कुशल मार्गदर्शन में हम सभी “सफल ग्रेडिंग योजना” को सफल बनाने में सफल होंगे जिनके मार्गदर्शन में सर्वप्रथम प्रथम चरण में यह योजना उत्तरप्रदेश से शुरू करके जल्दी ही पूरे देश मे लागू की जाएगी। अतः प्रारम्भ में सभी उत्तरप्रदेश राज्य संयोजक इसके संयोजक रहेंगे । आगे भी जिस भी राज्य में इसको लागू किया जाएगा उस राज्य के सभी राज्य संयोजक अपने अपने राज्य में इस योजना के भी संयोजक रहेंगे वो अपने साथ हिंदी अध्यापक व प्रवक्ताओं को भी संयोजक मण्डल में ले सकते हैं । इस योजना की जानकारी आप दिये गए वीडियो में भी देख सकते हैं 

“सफल ग्रेडिंग योजना” की आवश्यकता क्यों?
आज भारत के सभी सरकारी स्कूलों के अधिकतर बच्चों की एक मुख्य समस्या है हिन्दी पढ़ने लिखने में दिक्कत होना । इसलिए हिंदी के अलावा अन्य विषयों में भी ऐसे बच्चे पिछड़ जाते हैं और इसी वजह से कुछ छात्र कभी भी मुख्य धारा में शामिल नहीं हो पाते हैं । उदाहरण के लिए:- यदि आठवीं क्लास में 5 बच्चों को हिंदी पढ़नी नहीं आती है तो आप सोचिए वह बच्चे किस प्रकार से विज्ञान, सामाजिक, गणित या किसी भी अन्य विषय को समझ पाएंगे ? जो बच्चे प्रश्न पढ़ नहीं सकते वो परीक्षा में किसी प्रश्न का उत्तर कैसे लिख सकते हैं ? अध्यापक भी बच्चों का अलग अलग स्तर पाठ्यक्रम को पूरा करने व बच्चों को एक साथ लेकर चलने में काफी असहज महसूस करता है ।
सभी राज्य सरकारों द्वारा शिक्षा के सुधार के लिए अनेक योजनाएं चलाई जाती हैं लेकिन हिंदी विषय की जानकारी के अभाव के कारण सभी योजनाएं सफल नहीं हो पाती हैं । इसलिए “नवोदय क्रांति परिवार” के सभी सदस्यों ने इस विषय पर गहन चर्चा की और यह आवश्यकता महसूस की गई की सरकारी स्कूलों के सभी बच्चों को सर्वप्रथम मातृभाषा हिंदी का पूर्ण ज्ञान हो । जब सभी बच्चे हिंदी भाषा अच्छे से पढ़-लिख व समझ सकेंगे तभी हम उनको विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, सामाजिक आदि विषय अच्छे से सिखा पाएंगे । उसी चिंतन और मनन का परिणाम “सफल ग्रेडिंग योजना” के रूप में आज हमारे सामने है । “सफल ग्रेडिंग योजना” के बारे में आवश्यक जानकारी :-
“सफल ग्रेडिंग योजना” में  सभी सरकारी स्कूलों से कक्षा तीसरी से कक्षा आठवीं तक के अध्यापक अपनी कक्षा के साथ भाग ले सकते हैं। इसमे अध्यापक अपनी कक्षा के साथ भाग ले सकते हैं। आरंभ में यह जानकारी ली जाएगी कि
कक्षा में कुल कितने छात्र हैं ?
उनमे से कितने हिन्दी प्रवाहपूर्ण ढंग से बोल व सुंदर लिख पाते हैं?

यह योजना मुख्यतःकक्षा के उन्ही बच्चों पर केंद्रित रहेगी जो हिन्दी पढ़ने लिखने में असमर्थ हैं ।
ऐसे बच्चों को धीरे-धीरे कैसे आगे बढ़ाया जाए?
इनकी पढ़ने- लिखने की योग्यताओं को विकसित कैसे किया जाए?
इस योजना में भाग लेने वाली कक्षाओं के लिए “नवोदय क्रांति परिवार” की ओर से पूरी योजना तैयार करके उनका निरंतर मार्गदर्शन करते हुए उन सभी बच्चों की हिन्दी पढ़ने , लिखने व समझने की दक्षताएँ विकसित की जाएंगी।
योजनाबद्ध तरीके से एक-एक बच्चे के लिए सिलेबस व टीचिंग टेक्निक शेयर की जाएंगी जिनके द्वारा इन बच्चों को मुख्य धारा में शामिल किया जा सके। यदि आवश्यक हुआ तो अभिभावकों से भी संपर्क किया जाएगा । किसी भी तरह से मेहनत करके लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा।
कक्षा के सभी बच्चों को हिन्दी विषय मे एक समान स्तर पर लाने के लिए योजनानुसार प्रयास करके सभी बच्चों को हिन्दी समझ के साथ प्रवाहपूर्ण पढ़नी व शुद्ध व सुंदर लिखनी सिखायी जाएगी। जब धीरे धीरे सभी बच्चे हिन्दी प्रवाहपूर्ण पढ़ना व सुंदर लिखना सीख जाएंगे । फिर उनको “सफल ग्रेडिंग” दी जाएगी। “नवोदय क्रांति परिवार” द्वारा अधिकृत मोटिवेटर द्वारा इंस्पेक्शन के बाद ही सफल ग्रेडिंग सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी इंस्पेक्शन के लिए आमंत्रित किया जाएगा ।  

सफल ग्रैड सर्टिफिकेशन —–

                          सफल ग्रेड A

लिखित दक्षता :- हिन्दी पठन प्रवाहपूर्ण व सुंदर स्पष्ट लेखन

मौखिक दक्षताएँ:-

  • हिंदी वर्णमाला का सही उच्चारण के ज्ञान होना
  • याद करके अच्छे से कविता वाचन करना
  • चित्र देखकर उसके बारे में बताना
  • पाँच से छह वाक्यों में अपना परिचय देना
  • कक्षा स्तरानुसार लिंग, वचन, विलोम, समानार्थी शब्दों की जानकारी होना
  • सामान्य परिवेश की जानकारी जैसे दिन, महीने , रंग ,फल , सब्जी, पशु, पक्षी, जानवर, आदि के नामों का ज्ञान होना
  • अतिलघुत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर देना   

सफल ग्रेड A +

      लेखन दक्षताएँ:-

  • शुद्ध वर्तनी ,विराम चिन्हों के साथ स्पष्ट व सुंदर लेखन
  • याद करके व सुनकर पत्र, प्रस्ताव, कविता व कहानी लेखन
  • चित्र देखकर उसके बारे में लिखना
  • किसी भी घटना या परिस्थिति के बारे में दस वाक्य लिखना
  • कक्षा स्तरानुसार लिंग, वचन, विलोम, समानार्थी शब्दों को लिखना
  • सामान्य परिवेश की जानकारी जैसे दिन, महीने , रंग ,फल , सब्जी, पशु, पक्षी, जानवर, आदि लिखना
  • 50 शब्दो के उत्तर वाले प्रश्नों के लिखकर उत्तर देना
  • कक्षा स्तर के अनुसार व्याकरण का ज्ञान होना
  • सुंदर व स्पष्ट लेखन व अभिव्यक्ति

सफल ग्रेड A++

कक्षा स्तरानुसार पाठ्य पुस्तक के आधार पर परीक्षा सफलतापूर्वक दे सके।                                   

नवोदय क्रांति परिवार  भारत

“सफल ग्रेडिंग योजना”
                              कविता
हिन्दी पढ़ने लिखने में यूँ सबको सफल बनाएंगे,
नई क्रांति नवोदय क्रांति कुछ इस तरह से लाएंगे ।
सभी पढ़ेंगे तभी बढ़ेंगे, लक्ष्य पूरा अपना करेंगे।
पहले हिन्दी पढ़ना सीखो फिर सब कुछ सिखलाएँगे
नई नई तकनीकें देकर, सबको बारीकी से लेकर ।
खेल खेल में गतिविधियों से सबको आगे लाएंगे बच्चों को चित्र दिखलाकर, वर्णों को भी सही बुलवाकर ।
छोटी छोटी कविता गवाकर, रोज अभ्यास कराएंगे
अपना परिचय देंगे बच्चे, लिंग वचन भी होंगे पक्के ।
संज्ञा,विशेषण और मुहावरे, विलोम शब्द सिखलाएंगे
रंग,जानवर,फल,और सब्जी, बातें सीखें अच्छी अच्छी
पक्षी जो उड़ते हैं नभ में पंख खोल बतलाएंगे।
सुंदर लेखन प्रतियोगिता,इसकी जान लो उपयोगिता
व्याकरण के नियमों को भी कॉपी पर लिखवाएंगे।
दिन,महीने,पत्र,कहानी, सबको अब है याद करानी ।
हिन्दी है मातृभाषा सबसे पहले सिखाएंगे।
उसके बाद गणित,अंग्रेजी,और विज्ञान की बारी है,
उससे पहले हिन्दी सिखाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
सब बच्चों का एक स्तर हो,नही किसी का कोई डर हो ।
सफल ग्रेडिंग देकर सबको इस तरह से सफल बनाएंगे।
रचयिता :-
नवोदय क्रांति मोटिवेटर
श्री प्रदीप बालू जी, प्राथमिक शिक्षक , जिला अम्बाला (हरियाणा)
इस कविता का वीडियो यहाँ देखें :

                   



सफल हिन्दी ग्रेडिंग क्रियान्वयन

शिक्षण का दक्षता नियम बताता है कि हमें इस क्रम में सिखाना चाहिए:-
सुनना —— बोलना—— पढ़ना—— लिखना
लेकिन वास्तव में हम इस से काफी अलग तरह से कार्य करते हैं। हम सुनना व बोलना दक्षताएँ विकसित करने से पहले ही पढ़ना व लिखना सिखाना प्रारम्भ कर देते हैं। अब जिन बच्चों की सुनने व बोलने की दक्षताएँ उनके परिवेश द्वारा विकसित हो जाती हैं वो लिखने व पढ़ने की दक्षताएँ सरलता से हासिल कर लेते है। लेकिन जिन बच्चों की पहली दो दक्षताएँ विकसित नही हो पाती है वो कभी भी लिखने व पढ़ने में दक्ष नही हो पाते हैं।

आमतौर पर हम हिन्दी भाषा शिक्षण में वर्ण से सिखाना प्रारम्भ करते हैं। वर्णों से शब्द और फिर वाक्य की ओर बढ़ते हैं। लेकिन यह क्रम भी उचित नही है । हमेशा प्रारम्भिक स्तर पर सरल से कठिन या ज्ञात से अज्ञात की ओर जाते हुए सिखाना चाहिए ।
जरा सोचिए जब बच्चा हमारे पास विद्यालय में पहली बार दाखिल होता है तो उसे किसी भी वर्ण की पहचान नही होती है। उसके लिए हिन्दी वर्णमाला के अ , आ इ ,ई …. ये चिह्न अनजाने होते हैं। लेकिन आप उसको उसका नाम पूछिये वह बता देगा “ सर मेरा नाम नवदीप है” । या वह दैनिक जीवन मे भी अनेक वाक्यों से परिचित है जिनको समझता है बोलता है । उसको इन वाक्यों में आने वाले शब्दों की भी थोडी बहुत समझ है । जैसे वह दूध , पानी ,चाय आदि चीजों से परिचित है समझता है । लेकिन वह अभी भी क , द , म , न आदि ध्वनि चिह्नों से अनभिज्ञ है ।और हम उसको प्रारम्भ में ही वर्णों से शुरू करते हैं जो कि सही नही है।
हमें उसके साथ वाक्यों से शुरू करके शब्दों से होते हुए वर्णों की ओर आना चाहिए ताकि वह सरल से कठिन के नियम के अनुसार सीखकर आगे बढ़े । साथ साथ यहां पर प्राकृतिक शिक्षण के नियम का पालन भी करना है पहले बच्चों की सुनने व बोलने की दक्षताएँ विकसित करनी हैं । अर्थात बच्चों को भाषा शिक्षण की शुरुआत में पहले सुनने व बोलने की दक्षताएँ विकसित करने का कार्य किया जाना चाहिए और फिर पढ़ने व लिखने की ओर जाएँ । कक्षा कोई भी हो जिसको हिन्दी पढ़ना व लिखना नहीं आता है वह उसके लिए भाषा शिक्षण का प्रारंभिक स्तर है ।
शुरू में हमें बच्चों को अधिक से बातचीत के अवसर देने चाहिए व उनको कहानी व कविता सुनानी चाहिए । बच्चों को भी याद करके सुनाने का अभ्यास करवाना चाहिए । बच्चों को अधिक से अधिक प्रेरित करें कि वो बातचीत में भाग लें अपने आपको अभिव्यक्त करें। अपने बारे में बताना , आसपास के बारे में बताना , चित्र या परिस्थिति देखकर उसके बारे में कुछ बता पाना ही पहले चरण की सफलता है । और यहीं से शुरू होगा भाषा शिक्षण का सही व प्राकृतिक तरीका जो हमे अपने लक्ष्य तक ले जाएगा। इस तरह से बच्चा रुचि लेगा और शिक्षण प्रभावी रहेगा।

                प्रथम अभ्यास
प्रतिदिन हिंदी वर्णमाला का इस प्रकार से अभ्यास करवाया जाए कि बच्चे वाक्यों से शब्दों से परिचित होते हुए वर्ण चिन्हों की जानकारी की ओर भी बढ़ें तथा उनकी सुनने व बोलने की दक्षताएँ भी विकसित होती रहें। आपको  यहाँ एक वीडियो  दिया जा रहा है जिसका अभ्यास कराएँ

    हिंदी वर्णमाला का अभ्यास

इसको रोज बच्चों को सुनाएँ बच्चे इसमे साथ साथ बोलेंगे ओर इसको याद कर लेंगे। औसतन बच्चे इसको 3 से 4 दिन में आंशिक रूप से याद करके बोलना शुरू कर देंगे। उसके बाद हम अगला कदम उठाएंगे।

हिन्दी वर्णमाला के एक एक वर्ण को बोलते हुए कुछ चर्चा करते हुए चलेंगे ।

● अ से अनार खाते हैं , आ से आम खाते हैं (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)

बच्चों से चर्चा:- और क्या क्या खाते हैं आप ? हमें अनार और आम कहाँ से मिलते हैं ? अनार , आम क्या हैं ? और कौन कौन से फल होते हैं ? पाँच फलों के नाम बताओ । फलों के रंगों के बारे में , टेस्ट के बारे में, किस मौसम में कौन सा फल मिलता है, आदि बातों पर चर्चा करेंगे ।

*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें। वीडियो प्ले करें
● इ से इमली खट्टी है । (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- और कौन कौन सी चीजें खट्टी होती हैं? खट्टी चीजों के नाम बताओ। इमली किस काम आती है ? इनसे कौन विटामिन मिलती है ? ये अम्लीय होती हैं या क्षारीय ?

कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
ई से ईख मीठा है । (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- मीठी चीजों के नाम बताओ । वो किससे बनते हैं ? मीठा करने के लिए क्या मिलाते हैं ? गुड़ और चीनी किससे बनती है ? गुड़ कैसे बनता है ? आपको मीठे में क्या क्या खाना पसंद है ? मीठी चीजें ज्यादा नही खानी चाहिएं।

*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
● उ से उल्लू उड़ता है । (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- किसने उल्लू देखा है ? वह रात में दिखाई देता है । अच्छा एक बात बताओ और कौन कौन उड़ता है? पाँच पक्षियों के नाम बताओ । क्या आप भी उड़ सकते हो ? अगर आप उड़ सकते तो कहाँ जाते ? (कल्पना शक्ति का विकास)
*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
● ऊ से ऊँट चलता है । (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- ऊँट किसने देखा है ? कैसे चलता है ? क्या क्या काम आता है ? कहाँ पाया जाता है? इसकी सवारी किसने की है? पाँच जानवरों के नाम बताओ । ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है । यह कई दिन तक पानी पिये बिना रह सकता है ।
*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
● ऋ से ऋषि करे तपस्या (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- ऋषि किसने देखा है ? टी वी में देखा हो । कैसे दिखते हैं ? तपस्या कैसे करते हैं? चलो सभी ऋषि की तरह आसन लगाकर बैठो । बच्चों को ऋषि मुनियों के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी दी जा सकती है।

*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
● ए से एडी पैर की। (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- अपनी एडी पर हाथ लगाओ। आपका घुटना कहाँ है? सिर कितने हैं? आँखें कितनी हैं? कान क्या काम आते हैं? ज्ञानेंद्रियों के नाम व उनके कार्य । हमारे शरीर के 10 अंगों के नाम बताएं । शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में चर्चा करें ।
*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
● ऐ से ऐनक दादा की । (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- अच्छा बताओ किसके दादा जी ऐनक लगाते हैं? और कौन कौन लगाता है ऐनक ? अच्छा ये बताओ ऐनक क्यों लगाते हैं ? आँखों की देखभाल करनी चाहिए ताकि ऐनक न लगानी पड़े । परिवार के सदस्यों के नाम भी पूछे जा सकते हैं।
*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
● ओ से ओखली पत्थर की ।(वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- पत्थर की कौन कौन सी वस्तुएँ आपने देखी हैं? वो किस किस काम आती हैं ? ओखली में क्या क्या कूट सकते हैं ? उनको पत्थर , सीमेंट, ईंट ,चुना , मिट्टी आदि के बारे के बताएँ ।
*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
● औ से औरत घर घर की । (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- आपका खाना कौन बनाता है ? आपके घर में कितनी औरतें हैं ? उनके नाम बताओ। औरतों के अलावा और कौन कौन हैं घर मे ? आपकी मम्मी क्या क्या काम करती है ? इसमे बच्चों में लिंग भेद की समझ पैदा की जा सकती है।
*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
● अं से अंगूर छोटे- छोटे । (वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
किस किसने खाये हैं अंगूर? कितने बड़े होते हैं? अच्छा बताओ और क्या चीज होती है छोटी और गोल जो खाई जाती है ? पाँच बड़ी और पाँच छोटी वस्तुओं के नाम बताओ । छोटा – बड़ा , गोल – चकोर आदि का ज्ञान कराया जा सकता है ।

*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।
● अ: होता है खाली कभी न देना गाली । ( वीडियो को बीच मे रोककर चर्चा करें)
बच्चों से चर्चा :- गाली तो नही देते आप ! हमें कभी भी गाली नही देनी चाहिए। सबसे प्यार से बोलो । बच्चों में व्यवहार संबंधी गुणों को विकसित किया जा सकता है ।

*कक्षा स्तरानुसार अध्यापक प्रश्नों का चयन करें व जानकारी बच्चों को दें।व्यंजन का अभ्यास ………

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